Tuesday 30 March 2021

अचानक याद आया

अचानक याद आया
उस होली का वो पल
जिसमें
मैं पानी सी तरल हुई
तुम रंग से घुले मुझमें
कुछ इस तरह
कि मेरी रंगत बदल दी तुमने
फिर
कभी कोई
अलग न कर सका हमें
जैसे हों
जिस्म मैं रुह तुम
दिल मैं धड़कन तुम
जिंदगी मैं सांसें तुम
तुम मैं और मैं तुम
पानी में घुले रंग से,...!

डॉ प्रीति समकित सुराना

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