Saturday 26 October 2019

दीप जला लूँ

अपने दर्द के आँचल में खुशियों के कुछ पैबंद लगा लूँ,
टीसते-रिसते हुए जख्मों में ज़रा सा मलहम लगा लूँ,
लोग बता रहे हैं पटाखे जलाकर कि दीवाली आई है,
मैं भी अपने आँगन में अरमानों के कुछ दीप जला लूँ,...!

प्रीति सुराना

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