Sunday 16 June 2019

पापा और मैं

Happy fathers day

पापा और मैं

एक ऐसा रिश्ता
जिसमें अपेक्षा कम सुरक्षा ज्यादा
एक ऐसा रिश्ता
जिसमें पारदर्शिता ही पारदर्शिता
एक ऐसा रिश्ता
जो हौसला भी देता है और दिशा भी
एक ऐसा रिश्ता
जिसने जन्म भी दिया और जीवन भी
हर बेटी के जीवन का
सबसे पहला पुरुष होता है पिता
जिससे मिलते हैं जिंदगी के तमाम रिश्ते
और भाई, दोस्त, प्रेमी, पति , बेटा
हर रिश्ते में एक बेटी
पूरी जिंदगी तलाशती है एक पिता की छवि
क्योंकि
इससे सुरक्षित, समर्पित और स्नेहिल
कोई रिश्ता एक लड़की को पूरी जिंदगी में कहीं नहीं मिलता।

मम्मी-पापा ही
जीवन की आधारशिला हैं
एक बेटी
जीवन की कितने ही पड़ाव पूरे कर ले
ऊंचाइयों को छू ले
स्वप्नों के महल खड़े कर ले
जिये पूरी जिंदगी मम्मी-पापा का घर छोड़कर
पर उसके जीवन में संस्कारों की नींव
मम्मी-पापा की रखी हुई ही होती है।
सिर्फ मातृ-पितृ दिवस पर नहीं
बल्कि
अंतिम सांस तक
नमन और स्नेह के तार जुड़े रहेंगे
मम्मी-पापा से
ये वो ऋण है जिससे उऋण कभी नहीं हुआ जा सकता,...

हाँ! मैं चिर ऋणी हूँ आपकी

प्रीति सुराना

2 comments:

  1. सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  2. माँ को आँगन बनाते हुए,
    हर कमरे का फर्श बनाते हुए,
    ईश्वर ने पिता की मजबूत दीवारें खड़ी कीं,,
    दहलीज बनाया,
    माँ को नम,
    पिता को सुरक्षा स्तम्भ बनाया ।
    ऐसा करते हुए,
    उसने न पुरुष को ज्यादा बनाया
    ना स्त्री को कम ।
    धरती बनी माँ की क्षमता अद्भुत,
    तो आकाशीय विस्तार देनेवाले पिता का गौरव अविस्मरणीय ।
    कहीं धरती अकेली हो जाये,
    कहीं आकाश...
    इससे सत्य नहीं बदलता,
    न ईश्वर का चयन गलत होता है !
    और समय का यह चयन भी
    अपना अस्तित्व रखता है,
    धरती-आकाश एक साथ बनने का
    स्वर्णिम अवसर देता है
    माँ और पिता को पर्णकुटी बना देता है ।

    पितृ दिवस की शुभकामनाएं

    https://bulletinofblog.blogspot.com/2019/06/blog-post_16.html

    ReplyDelete