प्रेम
कोई व्यापार या व्यवहार नहीं है
कि समय-समय पर कम ज्यादा,
या किसी से भी कभी भी होगा,
ये शुद्ध भाव,
अविरल प्रवाहित है मुझमें,..
जो दावा करते हो मुझे समझने का
तो ये भी बखूबी जानते हो न?
प्रीति सुराना
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प्रेम
कोई व्यापार या व्यवहार नहीं है
कि समय-समय पर कम ज्यादा,
या किसी से भी कभी भी होगा,
ये शुद्ध भाव,
अविरल प्रवाहित है मुझमें,..
जो दावा करते हो मुझे समझने का
तो ये भी बखूबी जानते हो न?
प्रीति सुराना
बहुत खूब
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