Monday, 15 April 2019

समीक्षा सृजन का गहना

समीक्षा सृजन का गहना

समीक्षा
सृजन का गहना है
जो सुंदर को
और सुंदर बनाती है
सजाती है
लोगों को आकर्षित करती है
कि
अच्छा पढ़ा जाए
अच्छा रचा जाए
पर
केवल आलोचना
ठीक वैसी होती है,
जैसे
खरे सोने के गहने नहीं बन पाते,..!
इसलिए
सोने को किसी आकार में ढालने के लिए
मिलाया जाता है
पीतल/तांबा/जस्ता/चाँदी
ताकि रह सके गहना
सही आकार और स्वरूप में।
ये मिलावट
सोने का खरापन
खत्म करने के लिए नहीं
बल्कि
सोने से सर्जित आभूषण की लंबी उम्र और सुरक्षा के लिए होता है।
आलोचना में प्रोत्साहन का पुट हो,
त्रुटियों को समझाने का तरीका खरा तो हो
पर खारा नहीं,
क्योंकि
सिर्फ मीठे से भूख नहीं मिटती,
पर
सिर्फ खारा भी पोषक नहीं होता,
और हाँ!
खट्टा-मीठा मिला-जुला स्वाद भी बहुत अच्छा लगता है।
हर स्वाद का,
हर रस का,
हर रंग का,
हर भाव का,
अलग-अलग भी अपना महत्व है
पर संतुलित रूप में सबका साझा मिश्रण भी
बनाता है
सृजन और कला के हर पक्ष को मजबूत
और
प्रेरित करता है सृजक को
अपने सृजन को निखारते चले जाने के लिए
अपने
हर नए सृजन में।

प्रीति सुराना

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