Monday 23 July 2018

तुम रो दोगे

जिस दिन भी मुझको खो दोगे
ये सच है तब तुम रो दोगे,..

नियति नियत रहती है सबकी
फिर दोष भला किसको दोगे?

मैं तो कुछ मांग नहीं पाती
बिन मांगे तुम क्या क्या दोगे?

मुझको बहुत भरोसा तुम पर
मेरा जो है मुझको दोगे,..

दामन में दुख के छींटे हैं
क्या आँसू से तुम धो दोगे?

खुशियाँ न मिले बाजारों में
मेरे आंगन में बो दोगे?

महज़ दिखावे के रूखे हो
बरसाकर प्रीत भिगो दोगे,..

प्रीति सुराना

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