किसी की
खूबियाँ देखकर चाहना
आकर्षण है...,
और
खामियाँ जानते हुए भी चाहना
प्रेम..!
सुनो!
तुम्हें मुझसे
आकर्षण है या प्रेम
बताओ न!
वैसे जवाब मैं जानती हूँ
पर सवाल इस लिए
क्योंकि
कुछ जवाब
रुह को सुकून देते हैं
और
ऐसा लगता है
जैसे धमनियों में लहू का बहाव,
और
धड़कनों की रफ्तार,
उम्र को कुछ साल पीछे ले गई है
कुछ बातें अहसास दिलाती है
जिंदगी अभी बाकी है
तुममें
तुम्हारी बातों में,..!
सब जानते हुए भी इंतजार रहता है
तुम्हारे कहे चंद लफ़्ज़ों का,..
यकीन है
तुम कह दोगे एक बार फिर
कि तुम्हें मुझसे प्रेम है,...
और
मेरे प्रति तुम्हारा आकर्षण भी कायम है
जिंदगी के इस पड़ाव पर भी
जब लोग उम्र का रोना रोते हैं!
मत सोचना
कि लोग क्या कहेंगे
क्योंकि कुछ तो लोग कहेंगे,
लोगों का काम है कहना,
पर हमें जीना है जीभर
और ताउम्र साथ है रहना,..!
सारी खूबियों और खामियों के साथ,
है न!
डॉ प्रीति समकित सुराना
सुन्दर सृजन
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