दर्द कम हो और दिल में सलामत रहें दिलबर, दिल में दर्द बहुत है, मुझे ऐसी कोई दवा दो।
जाने क्यों आज मुझको, घुटन-सी हो रही है,
हवा में कुछ नमी है, लहू की कमियाँ भी बता दो।
आज सब छूटता लग रहा है मुझे अपने हाथों से,
कहीं जान न चली जाए, मेरे अपनों को बुला लो।
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
सुन्दर पंक्तियाँ
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