Tuesday 7 July 2020

रुह से तुम तक



सुनो!
तुम से रूह तक
रुह से मन तक
मन से दिल तक
दिल से धड़कन तक
धड़कन से आख़िरी साँस तक
साँस से रुह तक
अरमान सिर्फ
रुह से तुम तक जाना
तुम्हें पाना नहीं तुम्हारा होना,
ये भी प्रेम ही है,..!
हैं न,...?

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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