तू है मेरे जीने का सहारा,
तेरे लिए ही हर दर्द सहा।
लोग पूछते रहे सवाल,
लब सी लिए, कुछ न कहा।
तू ताकत बन मेरी रहना,
मेरे सपनों का महल ढहा।
इक तूफां गुजरा अभी-अभी,
आँखों से इक दरिया बहा।
सीने में धड़कन, धड़कन में इबादत,
इबादत में बस इश्क का नाम रहा।
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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