Wednesday 15 July 2020

ऐ इश्क़

तू है मेरे जीने का  सहारा,
तेरे लिए ही  हर दर्द  सहा।

लोग पूछते रहे सवाल,
लब सी लिए, कुछ न कहा।

तू ताकत बन मेरी रहना,
मेरे सपनों का महल ढहा।

इक तूफां गुजरा अभी-अभी,
आँखों से इक दरिया बहा।

सीने में धड़कन, धड़कन में इबादत,
इबादत में बस इश्क का नाम रहा।

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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