तुम हो मेरी
सबसे बड़ी शुभचिंतक,
तुम ही हो
मेरे जीवन की मार्गदर्शक,
तुम देती हो अवसर
कई-कई बार
गलतियों को सुधारने का,
जब तक मिटा-मिटाकर
फट न जाएं पन्ने जीवन के
तुम मेरे कर्मों की सटीक
आलोचक और नियामक!
बनी रहना यूँ ही मेरी मित्र मेरी नियंत्रक!
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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