Wednesday 3 June 2020

पल-पल

एक पल में
हाँ!
सबकुछ वही था
बस कुछ दृश्य बदले थे
मौसम 
और मन के अनुसार
नींद थी, सपने थे, इंतज़ार था, उम्मीदें थी!
दूसरे पल में
फिक्र थी, डर था, तनाव था, बिखराव था!
तुम भी वही थे
मैं भी वही थी
अहम का टकराव था
परिणाम अलगाव था।

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

1 comment: