खुश हूँ
दुखी हूँ
हँस रही हूँ
रो रही हूँ
रुकी हूँ
भागना चाहती हूँ
कुछ कर रही हूँ
कुछ भी नहीं करना मुझे
सुनो!
वजह मत पूछा करो मुझसे
क्योंकि
खुद को सबसे अलग कर
जी रही हूँ
और जीने का सहारा,
उम्मीद, विश्वास, वजह
सभी का पर्याय
सिर्फ और सिर्फ
एक तुम हो!
सुन रहे हो न
रो रही हूँ मैं,....!
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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