Saturday 4 April 2020

शाम से इंतज़ार रहता है

#शाम से इंतज़ार रहता है
रात का, 
चाँद का,
तुम्हारी चाँद से जुड़ी बातों का,
तुम्हारी यादों और एहसासों का,
तुम्हारे ख्वाबों का,
फिर सुबह से शाम तक
ख्वाबों की ताबीर में जुटे रहने के बाद,
फिर शाम से इंतज़ार रहता है
अगली शाम का,....!
ये प्रेम ही है न?

#डॉप्रीति समकित सुराना

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