Wednesday, 15 April 2020

आशा से आकाश थमा



अपनी रोटी आप कमा।
नायक बन तब रौब जमा।।

श्रम कर के पहले दिखला।
आलस का परिणाम दमा।।

झुक न भले ही और कहीं।
कर्म के आगे शीश नमा।।

पाप किया तो दुख होगा।
बह जाएगी चपल रमा।।

फल की कोई फिकर न कर।
आशा से आकाश थमा।।

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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