तुमने तमाम कोशिशें की
मुस्कुराकर
खिलखिलाकर
बातें बनाकर
फिर मिलने के वादे के साथ
पर
तुम नाकामयाब रहे
आँखों की नमी
और आवाज़ का कंपन छुपाने में
मुझसे
बिछड़ते वक्त
सुनो!
नाहक थी सारी बातें
तुम्हें तुमसे ज्यादा जानती हूँ मैं!
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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