#चिराग बनती
तो जलाकर बुझा देते
राख बनाकर
हवा में उड़ा देते
मेरे वज़ूद को आदत है
अंधेरों से लड़ने की
इसलिये जुगनू बनकर
जीती रही तमाम उम्र
फिर भी एक अरमान है
मेहमान बनकर ही सही
रौशनी ओ रौशनी
कभी तो आना मेरी जिंदगी में,..
आओगी न?
#डॉ प्रीति समकित सुराना
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