Friday, 13 March 2020

तुमने जब मुँह फेर लिया

#मिटाना चाहा था
एक पल को सबकुछ
जो सपनें, हसरतें, उम्मीदें,
बंधी हुई थी तुमसे
तुमने जब मुँह फेर लिया,..
पर दूसरे ही पल
मेरे दामन में बंधी
मेरे अपनों की
उम्मीदें, सपनें, हसरतों ने
मुझे झकझोरा
और कहा
जो मिटा रही हो
उसपर सिर्फ तुम्हारा हक़ नहीं है
जिस पर हमनें यकीन किया है
वो औरों की तरह खुदगर्ज़ नहीं है,..
हाँ!
ठीक तभी
मैंने किया खुद से वादा
मिटाना नहीं बनाना है मेरे जीवन का लक्ष्य
बढ़ना है अपने पैरों पर आगे
उनके लिए नहीं जो मुँह फेर गए
बल्कि
उनके लिए जो जीवन का मायने बता गए!

#डॉ प्रीति समकित सुराना

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