#अपने आप नहीं होगा
क्यों न इस बार होली में
⬛🔶🔵⬜🔴💠🔘🔳⚫🔷🔲
🏵️🌹🥀🌺🌻🌼🌷🌱🍁🌾💐
संस्कार, सहृदयता, सहिष्णुता,
सत्य, साहचर्य, साधना,
समन्वय, समर्पण, सम्यकत्व,
संकल्प, संगठन, संचालन
जैसी सारी सकारात्मकता के रंग भरकर,..
नफरत, निराशा, निकृष्टता,
नृशंसता, निर्लज्जता, निपात,
निंदा, निरक्षरता, निरंकुशता,
निर्दयता, निर्बलता, निर्ममता
जैसी सारी नकारात्मकता को मिटा दें,..
ये सब कुछ अपने आप नहीं होगा
करना होगा स्वयं को स्वयं के लिए
ताकि रंगों का त्योहार हो सके सार्थक
होली की शुभकामनाओं के साथ,...!
डॉ. प्रीति समकित सुराना
संस्थापक
#अन्तरा शब्दशक्ति



0 comments:
Post a Comment