Tuesday, 4 February 2020

मैंने दूर निराशा को छोड़ा!

सोशल मीडिया ने रुख मोड़ा
जीवन में नए पन्नों को जोड़ा

नहीं चाहिए था कुछ ज्यादा
बस प्रेम चाहिए थोड़ा-थोड़ा

लोगों का काम है कहते रहे
कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा

पर ये भी तो सोचो ओ लोगों
इस भानुमति ने कुनबा जोड़ा

इस कुनबे ने दी अथाह प्रेरणा
मैंने दूर निराशा को छोड़ा!

प्रीति समकित सुराना

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