Tuesday, 11 February 2020

ठीक कहा न मैंने?


Dr Bharti Surana

ताज़ा घटना

आज किसी ने मुझसे पूछा
देश भर में तो घूम रही हो
क्या हुआ तुम्हारी तबीयत को
क्यों जाती जो बार-बार डॉ के यहाँ???
मैंने कहा
जो पुराने जख्म हैं
वो हरे न हो जाएं इसलिए केयर की जरूरत,
जो अंग नहीं हैं
उनके बिना जीने के लिए विकल्प,
कमजोर पैरों से गिरते पड़ते
देश भर में घूमने के लिए ताकत की दवा,
और गिर कर लगी चोटों पर मरहम पट्टी,
आने जाने के लिए नकारात्मक सोच को मिटाने के लिए
प्रेरक डाँट की खुराक,
जो हुआ वो हो गया, आगे भी संभाल लेंगे
हम हैं न वाली हिम्मत वाली ग्लूकोज़ की बॉटल,
सोच मत जी ले की नसीहत के इंजेक्शन्स,
और सबसे बड़ी बात
खूब आगे बढ़ो,
सुराना परिवार और वारासिवनी का नाम रोशन करो
ये आशीर्वाद, प्यार, अपनापन
तमाम शारीरिक तकलीफों के बाद भी
जीने की ऊर्जा देता है,...!
बस मैं भूल जाती हूँ
5-5 ऑपरेशन्स के बाद के सारे साइड इफ़ेक्ट्स,
रीढ़ की हड्डी में लगे 6 इंजेक्शन्स का दर्द,
लो शुगर के अटैक्स के दुष्परिणाम,
पैरों का दर्द और कमजोरी,
अल्सर, पाईल्स त पथरी,
गायनिक या कोई मानसिक पीड़ा हो,..!
स्वस्थ दिखना मेरी आदत है,
परेशानियों पर हँसना मेरी फितरत है,
और नए तरह प्रेम वाली थैरेपी के साथ
मैं ठीक हूँ का सर्टिफिकेट जो नोड्यू रिसिप्ट सा लगता है,
मेरे आगे के सफर का परमिट होता है,..!
और हाँ!
सबसे विशेष बात
जब डॉ रिश्ते में दादा-दादी
संबोधन में चाचा-चाची होकर भी बेस्ट फ़्रेंड्स हों
जहाँ उम्र की सीमा नहीं प्यार का बंधन हो
तो अस्पताल ही सही जाना तो बनता है कि नहीं???

चाची ठीक कहा न मैंने?

प्रीति सुराना

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