Thursday 20 February 2020

ज़ख्म हरा रहता है

#मन ही मन  जब  भी
विवाद भरा रहता  है
भीतर  जाने  कितना
मवाद भरा  रहता  है
अबोलापन  ज़हर  है
अकेलापन   है  मृत्यु
कुरेदते रहोंगे तबतक
ज़ख्म  हरा  रहता  है

#प्रीति सुराना

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