#चिंता अधिक हो
चुनौती हो सामने
दुश्मन भी आ जाए
या दोस्त ही साथ हो
बच्चे बन जाओ
खुद ही रखो एक बार
खुद के कंधों पर हाथ
खुद को लो बाहों में
खुद को बहलाओ
बच्चे बन जाओ
विकट से विकट
कोई भी हो संकट
पल में भूल जाओ
मन को समझाओ
बच्चे बन जाओ
गिरो, उठो, फिर चलो
न हौसला गंवाओ
बीती सब भुलाओ
हँस के जीना सिखाओ
एक बार सच फिर से
बच्चे बन जाओ,..!
#प्रीति सुराना
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