अपने लिए भी समय निकालो
सुना है बोलते बहुत अच्छा हो
सुनने वाला प्रभावित होता है
अमल करना चाहता है अक्षरशः
ताकि
देशभक्ति, जनसेवा के साथ
समाज का उत्थान भी हो सके
पर
मेरी सिर्फ एक बात मानना
तुम आदर्श बनो सबके लिए
और
अपने लिए भी समय निकालो
अपनी ही कही बातों को अमल में लाओ
देखना
तुम्हे देखकर लोग बदलेंगे
खुद को पहले बदलने का
चलन अगर चल पड़ा
तो इसी धरा इसी गगन में
अमन ही अमन होगा।
तब किसी प्रेरक तत्व की जरूरत नहीं होगी
क्योंकि तब सक्रिय होगा एक महत्वपूर्ण कारक
"स्वप्रेरणा"
हम सुधरेंगे जग सुधरेगा
किसने कह दिया समाज सुधारो
बस
अपने लिए भी समय निकालो!
प्रीति सुराना
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