तुम कहते हो
मैं न रही तो मर जाओगे
और
मैं कहती हूँ
तुम साथ रहे तो मैं जी लूँगी,..!
प्यार और समर्पण के दो रूप
जिसमें से
एक में डर है खो देने का
दूसरे में ख्वाहिश है साथ जी लेने की,..!
खैर
सच ये है
सिर्फ विश्वास ही
आधारशिला हो
हमारे रिश्ते की,..!
सुनो!
प्यार किसी भी रूप में हो
बस प्यार ही होता है,..!
है न!
प्रीति सुराना
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