हाँ!
मैं अपनी हदें जानती हूँ
और उन हदों को
मन की सरहद मानती हूँ,..!
मेरे एहसास
हमेशा खड़े रहेंगे वहाँ
सैनिक की तरह तैनात,..!
जो मतभेदों को मनभेद नहीं बनने देंगे
और न ही गलतफहमियों की घुसपैठ होने देंगे
दिलों के दरमियान,...!
सुनो!
यकीन कर सको तो करना
रिश्तों में मेरी जान बसती है
ठीक जांबाज सैनिक की रगों में
मातृभूमि के प्रति प्रेम की तरह,..।
प्रीति सुराना
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