Tuesday 4 February 2020

कदम

कदम, 
मंजिलें, 
ख्वाहिशें, 
सपने,
इरादे, 
बड़े हो गए हैं 
तो भी कभी मत भूलना 
अपने नन्हें कदमों को,..!

क्योंकि
जिन अपनों की उंगली पकड़कर 
नन्हे कदमों ने चलना सीखा है
वही अपने 
देंगे दुआएं
छू लो आसमान
पर 
कदम ज़मीन पर रखकर,..!

न हवा में उड़ना,
न गुरुर करना,
न चने के झाड़ पर चढ़ना,
क्योंकि
तिल का ताड़ 
और 
राई का पहाड़ भी
छोटे-छोटे दानों से बनता है,..।

तुम्हारी सफलताएँ भी
उन्ही छोटी-छोटी सफलताओं की देन है
बस एक ही सीख
उन छोटी-छोटी बातों को नज़रंदाज़ मत करना
जिसकी वजह से आज बड़े हुए हो,..!
सुनो!
दुआ है
तुम्हारे बढ़ते कदम मंज़िल तक जरूर पहुंचे।

प्रीति सुराना

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