यादों का एक घना-सा जंगल बसा हुआ है मेरे आस-पास,
सुख-दुख, साथ-धोखे और अनेक अनुभवों से फला-फूला
जीने के लिये सतत शुद्ध प्राणवायु तो मिलती रहती है यहाँ
पर मानव के रूप में वन्य प्राणियों का डर जीने नहीं देता।
प्रीति सुराना
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