Thursday, 25 July 2019

खाता-बही

रात को गुजरना है गुजर जाएगी
सुबह को आना है आ ही जाएगी
सुख जिया है तो दुख भोगना ही है
तकदीर की खाता-बही कहाँ जाएगी

प्रीति सुराना

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