मैं भी खो जाती भीड़ में कहीं, खोकर हौसला कभी का,
पर पसंद और विश्वास का ये आंकड़ा है अभी-अभी का,
स्नेह और आशीष आप सबका बन गया है मेरी पूंजी,
इस प्यार और अपनेपन के लिए आभार आज सभी का🙏🏻
प्रीति सुराना
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मैं भी खो जाती भीड़ में कहीं, खोकर हौसला कभी का,
पर पसंद और विश्वास का ये आंकड़ा है अभी-अभी का,
स्नेह और आशीष आप सबका बन गया है मेरी पूंजी,
इस प्यार और अपनेपन के लिए आभार आज सभी का🙏🏻
प्रीति सुराना
हार्दिक शुभकामनायें प्रिय प्रीति जी | आपकी रचना यात्रा अटल और सफल हो | 💐💐💐
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