Friday, 24 May 2019

आभार

मैं भी खो जाती भीड़ में कहीं, खोकर हौसला कभी का,
पर पसंद और विश्वास का ये आंकड़ा है अभी-अभी का,
स्नेह  और  आशीष आप  सबका बन गया है मेरी  पूंजी,
इस प्यार और अपनेपन के लिए आभार आज सभी का🙏🏻

प्रीति सुराना

1 comment:

  1. हार्दिक शुभकामनायें प्रिय प्रीति जी | आपकी रचना यात्रा अटल और सफल हो | 💐💐💐

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