Sunday, 17 March 2019

तो लिखती हूँ

जब  दर्द  होता  है तो लिखती हूँ
जब दिल ये रोता है तो लिखती हूँ
रात आकर दिन का सच बताती है
फिर खुशियाँ डराती है तो लिखती हूँ,..!

प्रीति सुराना

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