जब दर्द होता है तो लिखती हूँ
जब दिल ये रोता है तो लिखती हूँ
रात आकर दिन का सच बताती है
फिर खुशियाँ डराती है तो लिखती हूँ,..!
प्रीति सुराना
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जब दर्द होता है तो लिखती हूँ
जब दिल ये रोता है तो लिखती हूँ
रात आकर दिन का सच बताती है
फिर खुशियाँ डराती है तो लिखती हूँ,..!
प्रीति सुराना
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