धड़कने है बेकाबू
मैं बेचैन सी हूँ
अमावस की खामोश
अंधेरी रैन सी हूँ
क्यों, क्या, कैसे का
न कोई पता है
आँसू छुपाते
भीगे नैन सी हूँ,..!
प्रीति सुराना
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धड़कने है बेकाबू
मैं बेचैन सी हूँ
अमावस की खामोश
अंधेरी रैन सी हूँ
क्यों, क्या, कैसे का
न कोई पता है
आँसू छुपाते
भीगे नैन सी हूँ,..!
प्रीति सुराना
बहुत खूब
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