Thursday 24 January 2019

बहाने

बहुत से दर्द हैं
और
जिंदगी को खत्म करने की
वजहें भी है हज़ार
पर कमबख्त
हर बार कोई लम्हा
आकर
जीने को दे जाता है नया बहाना,..
सुनो!
यूँ मुझे रोक लेने के कितने बहाने बनाओगे
और कब तक
हाँ!
सुनना चाहती हूँ तुम्हारा जवाब
फिर एक लम्हा
और जी जाने को,... बोलो न!!

प्रीति सुराना

1 comment:

  1. यही जीवन है... बहुत सुन्दर प्रस्तुति..

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