सुनो!
क्या खोया,क्या पाया?
इसका जवाब
सिर्फ इतना सा
कि
खुद को तुम में खोकर
तुमको खुद में पाया,...
मेरे जीवन का पूरा दर्शन
इसी समीकरण में समाया,..!
प्रीति सुराना
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सुनो!
क्या खोया,क्या पाया?
इसका जवाब
सिर्फ इतना सा
कि
खुद को तुम में खोकर
तुमको खुद में पाया,...
मेरे जीवन का पूरा दर्शन
इसी समीकरण में समाया,..!
प्रीति सुराना
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