Monday, 3 September 2018

बेईमान,....

सुनो!

यूँ मेरी आँखों में
न झाँको,
तुम
बिन कहे
पढ़ लेते हो
मेरा सारा दर्द,..
कोई भला
ऐसा भी करता है
बेईमान,....

डॉ. प्रीति सुराना

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