कौन??
किससे बोलूँ मन की बातें
दुख मेरे बाँटेगा कौन?
सबकी बातें बहुत जरूरी
और अपेक्षित मेरा मौन,...
चुप रहती हूँ, सब सहती हूँ
तब तक ही अच्छी लगती हूँ
मुँह खोला तो कुछ बोला तो
सब पूछेंगे तुम हो कौन?
टूटे सपने चुभते हैं लेकिन
पीड़ा मन में ही रखती हूं
मैंने खो दी जो हिम्मत तो
मुझे संभालेगा फिर कौन?
क्या खोया और क्या पाया
किस पल मैंने क्या है गंवाया
ये सब हैं तकदीर के लेखे
अब कुदरत से लड़ेगा कौन?
क्या बोलूं क्या न बोलूं मैं
क्या लिक्खूं और क्या बाँचूं
संघर्ष किये जो वही लिखूं तो
सोच रही हूँ पढ़ेगा कौन?
सबकी बातें बहुत जरूरी
और अपेक्षित मेरा मौन,...
किससे बोलूँ मन की बातें
दुख मेरे बाँटेगा कौन?
प्रीति सुराना
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