सुनो!
तुम्हारे दर्द का
कोई रंग
अछूता नहीं है मुझसे
किसी भी रंग से
बना लो तस्वीर मेरी,..
पर हाँ! ध्यान रखना
चित्रपटल (कैनवास) प्रेम का
और
तूलिका (ब्रश) विश्वास की ही रहे
अगर हमारी जिंदगी को
कोई नया रंग देना चाहो,...
प्रीति सुराना
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