Friday, 18 May 2018

मुक्ति

सुनो!
मुक्ति चाहती हूँ
हर दर्द से
बस इतना ही सोचा था
और
अचानक आकर
तुमने मुझे
सीने से लगा लिया।
बस एक ख़याल
और
कितना सुखद
ये पल
और
मेरे तुम,... प्रीति सुराना

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