Friday, 9 February 2018

हर बार

हर बार मिला कुछ ज्यादा तुमसे,
हर बार तुम कुछ ज्यादा ही मिले,
*प्यार*, लड़ाई, गुस्सा, शिकवा,
एक आलिंगन और खत्म गिले,..

प्रीति सुराना

0 comments:

Post a Comment