ढूंढ रही हूँ मैं आजकल हर जगह एक किताब,
जिसमें हो भावनाओं का कोई तो हिसाब,
प्रेम में विरह की, विरह में पीर की, पीर में सुख की, सुख में दुःख की,
क्यों है ऐसी नियति, ऐसे सारे सवालों का जवाब,.. प्रीति सुराना
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ढूंढ रही हूँ मैं आजकल हर जगह एक किताब,
जिसमें हो भावनाओं का कोई तो हिसाब,
प्रेम में विरह की, विरह में पीर की, पीर में सुख की, सुख में दुःख की,
क्यों है ऐसी नियति, ऐसे सारे सवालों का जवाब,.. प्रीति सुराना
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