सुना है
आप मरहम के
बेहतरीन सौदागर ही नहीं
बल्कि
क़ाबिल तीमारदार भी हैं
कुछ सूखे ज़ख्म
कुछ रिसते घाव
कुछ टीसते नासूर
पल रहे हैं
रूह में मेरी
अगर हो कोई मरहम
तो बताइयेगा जरूर
मिली जो राहत
तो वादा रहा
जान देकर
अदा करूँगी
आपका शुकराना ,..
प्रीति सुराना
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