रह जाती है
अकसर
मेरी बातें आधी अधूरी
तुममें डूबकर करते हुए बातें
भूल जाती हूँ
निर्धारित समय सीमा
क्या करूँ
मेरी चाहतें
समय की पाबंदियाँ
नही समझती,...
प्रीति सुराना
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रह जाती है
अकसर
मेरी बातें आधी अधूरी
तुममें डूबकर करते हुए बातें
भूल जाती हूँ
निर्धारित समय सीमा
क्या करूँ
मेरी चाहतें
समय की पाबंदियाँ
नही समझती,...
प्रीति सुराना
बहुत खूब
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