Tuesday, 19 September 2017

लोग जलने लगे हैं

जाने क्यों इन दिनों हम इस कदर
सबको को खलने लगे हैं
पलकों पर नमी भी खुशी की हैं
ये सोचकर लोग जलने लगे हैं,...

प्रीति सुराना

2 comments:

  1. वाह
    वाह

    जॉन इलिया साहब का शेर है कि
    (खुद के लिए कहा था)


    "क्या तकलुफ करें ये कहने में
    कि जो भी खुश हैं हम उससे जलते हैं।"

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  2. न पता होने पर यह बहस का मामला हो सकता है कि जॉन इलिया साब की ये कितनी घटिया सोच थी

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