जाने क्यों इन दिनों हम इस कदर
सबको को खलने लगे हैं
पलकों पर नमी भी खुशी की हैं
ये सोचकर लोग जलने लगे हैं,...
प्रीति सुराना
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जाने क्यों इन दिनों हम इस कदर
सबको को खलने लगे हैं
पलकों पर नमी भी खुशी की हैं
ये सोचकर लोग जलने लगे हैं,...
प्रीति सुराना
वाह
ReplyDeleteवाह
जॉन इलिया साहब का शेर है कि
(खुद के लिए कहा था)
"क्या तकलुफ करें ये कहने में
कि जो भी खुश हैं हम उससे जलते हैं।"
न पता होने पर यह बहस का मामला हो सकता है कि जॉन इलिया साब की ये कितनी घटिया सोच थी
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