Friday, 9 June 2017

छोड़ दे,...

बेवजह यूं बात अब तो तू बनाना छोड़ दे,
चाहतों को आज मुझसे तू छुपाना छोड़ दे।

जो दबे अरमान दिल में आज तू मुझको बता,
यूं घुटी सांसे न ले अब दिल जलाना छोड़ दे।

रूठने दे आज कोई रूठता हो बेसबब,
बारहा यूं रोज सबको तू मनाना छोड़ दे।

मतलबी ही है सभी अब जान ले कड़वा सही,
सच यही है यार अपना दिल दुखाना छोड़ दे।

लोग चारो ओर हाथों में नमक ले फिर रहे,
दिलजले तू घाव अपने यूं दिखाना छोड़ दे।

आंख में आंसू लिए जीना नहीं जीना समझ,
पोंछता कोई नही आंसू बहाना छोड़ दे ।

महफ़िलों में पीर वाले गीत अपने मत सुना,
यूं तमाशा प्रीत का अपनी बनाना छोड़ दे । ,..प्रीति  सुराना 'अंतरा'

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