आ गई रात चांद तारों की,
याद है साथ आज वादों की,
प्यार की बात प्यार के लमहे,
और सौगात रात नगमों की।
गीत छेड़े वही सभी जिसमें,
बात मुझसे जुड़े सवालों की।
आज रोके नही रुके आंसू,
फिर हुई बात बस मुरादों की।
चोंट का दर्द नही रहा लेकिन,
है जलन आज भी खराशों की।
छोड़ आए शहर गुलों के पर,
आ गई साथ चुभन कांटों की।
प्रीत कसमें भुला सको सारी,
है दुआ आज राजदारों की,...
प्रीति सुराना
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