मैं यूं ही इत उत डोलूं
या खुद ही खुद से बोलूं
महकी महकी रहूं मैं जब
सुधियों का *पिटारा* खोलूं
प्रीति सुराना
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मैं यूं ही इत उत डोलूं
या खुद ही खुद से बोलूं
महकी महकी रहूं मैं जब
सुधियों का *पिटारा* खोलूं
प्रीति सुराना
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बहुत खूब
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