Monday, 3 April 2017

'अच्छे दिन तो आने दो'

'अच्छे दिन तो आने दो'


हम गीत विजय के गा लेंगे

अच्छे दिन तो आने दो।

सबने जो देखे थे सपने 

सच वो सब हो जाने दो।।


साफ रहे भारत इस खातिर

कितनों ने झाड़ू थामे।

फिर सड़कों पर वो काम किया 

जो न किया अपने घर में।

मन का कूड़ा कौन समेटे

बात समझ मे आने दो।

हम गीत विजय के गा लेंगे

अच्छे दिन तो आने दो।

सबने जो देखे थे सपने 

सच वो सब हो जाने दो।


धरती को दें माँ का दरजा

इसका कोई मान नही।

नारी की लाज नही रखते 

मन में भी सम्मान नही।

नज़रें और नीयत साफ रखें 

अब ये पाठ पढ़ाने दो।

हम गीत विजय के गा लेंगे

अच्छे दिन तो आने दो।

सबने जो देखे थे सपने 

सच वो सब हो जाने दो।।


भ्रष्टाचार मिटाना हो तो 

खुद ही कदम उठाना है।

कालेधन की कोठरियों का 

मन से मोह भगाना है।

ज्ञान नही देना दूजों को 

सीख अमल में लाने दो।

हम गीत विजय के गा लेंगे 

अच्छे दिन तो आने दो।

सबने जो देखे थे सपने 

सच वो सब हो जाने दो।।


प्रीति सुराना

5 comments:

  1. दिनांक 04/04/2017 को...
    आप की रचना का लिंक होगा...
    पांच लिंकों का आनंदhttps://www.halchalwith5links.blogspot.com पर...
    आप भी इस चर्चा में सादर आमंत्रित हैं...
    आप की प्रतीक्षा रहेगी...

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  2. बहुत उम्दा !

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  3. ज्ञानवर्धक ,रोचक एवं सुंदर आभार। "एकलव्य"

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  4. आज तक हमने किया ही बस इतना हैं, हर बात पर घर व टीवी पर सिर्फ चर्चा
    http://savanxxx.blogspot.in

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