अकसर
अपने आसपास
देखा है
ऐसे लोगों को
जो दूसरों को
आईना दिखाकर
पूरे तन और मन से
समाज सेवा
और
समाज सुधार में लगे होते हैं।
आज गई थी
उलझी सी जिंदगी के धागे सुलझाने,..
एक बड़े सामाजिक सलाहकार के पास,
सुन रखा था सलाह बहुत अच्छी देते हैं वो भी मुफ्त में,..
पर सच कहूं
मन के शोर से ज्यादा
सुनाई दे रहा था उनके आंगन का शोर,..
और भी एक बात समझ नहीं आई अब तक,...
सुनो!!
तुम्ही बताओ ना,.
क्या तुम्हे पता है
उनकी तिजोरियों में ताले
और खुद के घरों में
आइनों पर परदे क्यूं लगे होते हैं???
प्रीति सुराना
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