सुख की कुछ किरचें क्या पड़ी,
बरसती रही आज दिनभर आंखें मेरी ,
और असर इतना की सीने में दर्द असहनीय सा,..
सच कहते हैं लोग आंखों का दिल से रिश्ता जरूर है।
प्रीति सुराना
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सुख की कुछ किरचें क्या पड़ी,
बरसती रही आज दिनभर आंखें मेरी ,
और असर इतना की सीने में दर्द असहनीय सा,..
सच कहते हैं लोग आंखों का दिल से रिश्ता जरूर है।
प्रीति सुराना
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ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 19.1.17 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2582 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद