Wednesday 25 January 2017

एक ललक "थोड़ा सा और जीने की"

वो सब
जो महसूस कराते हैं
कि मैं कुछ हूं
सच
देते हैं मुझे
नई ऊर्जा
परिस्थितियों और परेशानियों से
जूझने की,
जीतने की,
और
बढ़ाते है मन में
एक ललक
"थोड़ा सा और जीने की"

प्रीति सुराना

अगेन थैंक्यू ऑल😘😊👈👏

0 comments:

Post a Comment